मिताली राज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकमात्र पिंक-बॉल टेस्ट में भी टॉस हार गईं। हालांकि, उनकी टीम ऑस्ट्रेलिया पर हावी होने में सफल रही। इस टेस्ट में भारत की स्टार ओपनर स्मृति मंधाना ने शतक लगाया।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज एमएस धोनी से टॉस जीतने की कला सीखना चाहती हैं। बार-बार टॉस हारने के कारण टीम की उनकी साथी खिलाड़ी उनका मजाक उड़ाती हैं। मिताली की मानें तो सिक्के के साथ उनकी बदकिस्मती के कारण उनकी साथी अक्सर उनकी टांग खींचती हैं।
बता दें कि मिताली राज 8 टेस्ट मैच, 143 वनडे इंटरनेशनल और 32 टी20 इंटरनेशनल मुकाबलों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कमान संभाल चुकी हैं। इनमें से वह टेस्ट मैच में 4, वनडे इंटरनेशल में 65 और टी20 इंटरनेशल मुकाबलों में सिर्फ 15 बार ही टॉस जीत पाईं हैं। मिताली राज भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 30 सितंबर से 3 अक्टूबर के बीच गोल्डकोस्ट के करारा मैदान पर खेला गया एकमात्र पिंक बॉल टेस्ट में भी टॉस हार गईं थीं।
हालांकि, उनकी टीम अपने इस पहले पिंक बॉल टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया पर हावी होने में सफल रही। रविवार यानी 3 अक्टूबर 2021 को टेस्ट ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इस टेस्ट में भारत की स्टार ओपनर स्मृति मंधाना ने शतक लगाया। वह ऑस्ट्रेलिया में शतक लगाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 3 अक्टूबर की रात करीब 11 बजे ट्विटर हैंडल @BCCIWomen पर वीडियो शेयर किया है। यह वीडियो दिन-रात्रि टेस्ट मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान का है। इस वीडियो में मिताली राज से उनके टॉस हारने को लेकर सवाल पूछा गया था।
इस पर मिताली राज ने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘टॉस हारने के मेरे इतिहास को देखते हुए मैं नहीं चाहती कि यह एक विरासत बने। जिस तरह से लड़कियां उसके लिए मेरी टांग खींच रही हैं! इसलिए मैंने सोचा कि मुझे बदलना चाहिए। मुझे वास्तव में लगता है कि मुझे एमएस धोनी से टॉस जीतने की कला सीखनी चाहिए।’
इस बीच, मैच के बाद स्मृति मंधाना ने कहा कि भाग्य ने उन्हें इतिहास रचने में मदद की, क्योंकि वह गुलाबी गेंद के टेस्ट में शतक बनाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, वह भी ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर। स्मृति मंधाना ने भारत की पहली पारी में (घोषित 377/8 का स्कोर) 216 गेंद में 127 रन बनाए।
स्मृति मंधाना जब 80 रन पर थीं, तब उन्हें जीवनदान मिला था। दरअसल, मंधाना ने एलिस पेरी की गेंद को पॉइंट की दिशा में खेला। वहां बेथ मूनी ने उन्हें लपक लिया, लेकिन वह नो-बॉल निकली। स्मृति मंधाना ने कहा, ‘भाग्यशाली हूं कि 80 रन पर वह नो बॉल मिली।’