इस योजना में न्यूनतम 10 ग्राम सोने को जमा कराया जा सकता है। जिसमें गोल्ड बार, सिक्के, गोल्ड ज्वेलरी शामिल हैं। उन ज्वेलरी को शामिल नहीं किया जाएगा जिनमें पत्थर और दूसरे तरह के मेटल एड होते हैं।

भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई ने अपनी गोल्ड डिपॉजिट स्कीम में बदलाव किया है। अब बैंक आम लोगों के लिए रिवैम्प्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम यानी आर-जीडीएस लेकर आई है। यह आरजीडीएस पूरी तरह से फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह काम करता है। कस्टमर अपने गोल्ड को आरजीडीएस के तहत डिपॉजिट कर ब्याज के रूप में कमाई कर सकते हैं। अगर आपके पास घर पर बेकार सोना रखा हुआ है तो उसे आरजीडीएस में निवेश कर अपने गोल्ड की सुरक्षा के साथ कमाने का मौका भी हासिल कर सकते हैं। आइए आपको भी बताते हैं एसबीआई की रिवैम्प्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम के बारे में।
कौन कर सकता है इस योजना में निवेश
एसबीआई के अनुसार इस स्कीम में इंडिविजुअल्स के अलावा प्रोपराइटर और पार्टनरशिप फर्म, एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार), सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड/ एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड और कंपनियां, धर्मार्थ संस्थान या सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट के स्वामित्व वाली यूनिट्स इस योजना में निवेश करने की पात्र हैं।
कितना कर सकते हैं निवेश
इस योजना में न्यूनतम 10 ग्राम सोने को जमा कराया जा सकता है। जिसमें गोल्ड बार, सिक्के, गोल्ड ज्वेलरी शामिल हैं। उन ज्वेलरी को शामिल नहीं किया जाएगा जिनमें पत्थर और दूसरे तरह के मेटल एड होते हैं। वैसे इस स्कीम में गोल्ड जमा करने की मैक्सिमम लिमिट नहीं होती है।
कितने तरह के होते हैं डिपॉजिट
एसबीआई रिवम्प्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम (आर-जीडीएस) तीन प्रकार की डिपॉजिट अमाउंट देता है। जिसमें पहला है शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट स्कीम जिसका टेन्योर 1 से 3 वर्ष है। दूसरा, मीडियम टर्म गोल्ड डिपॉजिट, जिसका टेन्योर 5 से 7 साल है। वहीं तीसरा, लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट है जिसका टेन्यार 12 से 15 साल है।
किस डिपॉजिट में कितना मिलता है ब्याज
- शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट तीन साल की होती है, जिसके पहले साल में 0.50 फीसदी, एक साल से ज्यादा और दो वर्ष तक में 0.55 फीसदी और 2 से 3 साल तक की अवधि के लिए 0.60 फीसदी का ब्याज मिलता है।
- मिड टर्म गोल्ड डिपॉजिट पर सालाना ब्याज दर 2.25 फीसदी प्रति वर्ष है।
- जबकि एलटीजीडी पर सालाना ब्याज दर 2.50 फीसदी है, जिसका टेन्योर 12 से 15 साल है।
रीपेमेंट
एसटीबीडी: मेच्योरिटी की डेट को मूलधन की चुकौती सोने या उसके बराबर रुपए का ऑप्शन।
एमटीजीडी और एलटीजीडी: डिपॉजिट का रिडेंप्शन गोल्ड या गोल्ड के मूल्य के बराबर रुपए में होगा। हालांकि, गोल्ड में रिडेम्पशन के मामले में 0.20 फीसदी प्रशासनिक शुल्क लगाया जाएगा।
प्रीपेमेंट
एसटीबीडी: लागू ब्याज दर पर जुर्माना के साथ 1 वर्ष की लॉक-इन अवधि के बाद अनुमति है।
एमटीजीडी: ब्याज पर जुर्माना के साथ 3 साल बाद किसी भी समय निकासी की अनुमति मिलेगी।
एलटीजीडी: 5 साल बाद किसी भी समय ब्याज पर जुर्माना के साथ निकासी की अनुमति है।