जयंत चौधरी का कहना है कि किसान आंदोलन को लेकर सरकार ने अपने स्टैंड को और ज्यादा हार्ड कर लिया है। वो किसानों की मांगों को मानने के मूड़ में नहीं लगती। इसी वजह से आंदोलन का दायरा बढ़ाना जरूरी है।

RLD नेता जयंत चौधरी का कहना है कि किसान आंदोलन को लेकर सरकार ने अपने स्टैंड को और ज्यादा हार्ड कर लिया है। वो किसानों की मांगों को मानने के मूड़ में नहीं लगती। इसी वजह से आंदोलन का दायरा बढ़ाना जरूरी है। उनका कहना है कि राजनीति का मुद्दा किसान और खेती को होना चाहिए। अगर सरकार इस बात को नहीं मानेगी तो सरकार ही बदल जाएगी।
जयंत चौधरी उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उनसे पूछा गया था कि किसान को राजनीति में क्यों खींचा जा रहा है। उनका कहना था कि खुद पीएम मोदी इसमें उलझ चुके हैं। सरकार किसान को न्याय देने के मूड़ में नहीं लग रही है। इसी वजह से हम पीलीभीत लखीमपुर खीरी के बार्डर पर पहुंचे हैं। किसानों को संगठित करने के लिए आंदोलन का दायरा बढ़ाना बहुत जरूरी है।
अगर सरकार नहीं मानती तो सरकार बदल दी जाएगी-Jayant Chaudhary@jayantrld @RLDparty #FarmersProtest #किसानआंदोलन pic.twitter.com/u2iqj9xAlk
— News24 (@news24tvchannel) February 26, 2021
उनका कहना था कि यूपी में सीएम मुगलों को हमेशा याद करते रहते हैं। वह मुसलमानों को गाली देते रहते हैं। बार-बार मुजफ्फरनगर दंगों की याद दिलाते हैं। उनके पास हिंदू-मुसलमान छोड़कर कोई और बात ही नहीं होती। जबकि उनका मानना है कि सरकार की प्राथमिकता में किसान को होना चाहिए। किसान सभी का पेट भरने का काम करता है। सरकार को भी चाहिए कि उसके हित के लिए आवश्यक और शीघ्र कदम उठाए।
गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के तीन माह पूरे हो चुके हैं। अभी तक 215 से ज्यादा किसानों की मृत्यु हो चुकी है। किसान संगठनों ने उनके लिए मोदी सरकार से एक-एक करोड़ रुपए बतौर मुआवजे की मांग की है, लेकिन सरकार अनसुनी किए हुए है। किसान संगठनों का कहना है कि आंदोलन का समर्थन ना केवल देश के सभी हिस्सों में है, बल्कि विदेशों मे रहने वाले भारतीयों द्वारा भी किया जा रहा है।
संगठनों का कहना है कि वो किसानों के अधिकारों और मांगों की लड़ाई जारी रखेंगे। जब तक मोदी सरकार इन तीन कानूनों को वापस नहीं लेती तब तक किसान पीछे नहीं हटेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत भी कह चुके हैं कि सरकार की नींद तोड़ने के लिए अब किसान 40 लाख ट्रैक्टरों से संसद की तरफ मार्च करेंगे। उनका कहना है कि इंडिया गेट के पास के वोट क्लब में किसान खेती भी करेंगे।