कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के घर पर हुए हमले पर फिल्ममेकर अशोक पंडित और गीतकार जावेद अख्तर ने ट्वीट किया है। अशोक पंडित ने लिखा, ‘क्या बुढ़ापे में पिटवाओगे?’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को पार्टी नेतृत्व के कामकाज पर सवाल खड़े किए थे। सिब्बल ने कहा था कि कांग्रेस में अब कोई निर्वाचित अध्यक्ष नहीं है। हम नहीं जानते कि कौन निर्णय ले रहा है। उन्होंने खुद को जी-23 बताया था, ‘जी-हुजूर’ नहीं। इसके बाद कांग्रेस समर्थकों ने कपिल सिब्बल के घर के बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी की थी। विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं ने सिब्बल के घर की तरफ टमाटर फेंके थे, इससे उनकी कार क्षतिग्रस्त हो गई थी।
अब फिल्ममेकर अशोक पंडित का इस मुद्दे पर कमेंट आया है। अशोक पंडित ने तंज भरे अंदाज में लिखा, ‘बोल दो, दो शब्द कपिल सिब्बल जी के लिए, बोल दो कि उनके साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था, जमानत कराई है आपकी कई मुकदमे में पैरवी की है, अब क्या बुढ़ापे में पिटवाओगे? सॉरी बोल दो राहुल बाबा और प्रियंका गांधी जी!’
गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि राहुल गांधी को सिब्बल के घर के बाहर प्रदर्शन करने वाले लोगों की कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘कांग्रेस पार्टी की कार्यप्रणाली के बारे में राय व्यक्त करने पर कपिल सिब्बल के घर पर हमला करने वाले वही हैं जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए मोदी सरकार की आलोचना करते हैं। क्या राहुल गांधी को इन गुंडों की कड़े शब्दों में निंदा नहीं करनी चाहिए?
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने भी इस हमले पर हैरानी जताई है। चिदंबरम ने कहा कि इस हमले के बाद वह आहत और असहाय महसूस कर रहे हैं। पी. चिदंबरम ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मैं असहाय महसूस करता हूं, जब हम पार्टी मंचों के भीतर सार्थक बातचीत शुरू नहीं कर पाते हैं। मैं तब भी आहत और असहाय महसूस करता हूं, जब मैं अपने एक सहयोगी और सांसद के आवास के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तस्वीरों में नारे लगाते हुए देखता हूं।’
क्या है जी-23: साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस लगातार अपना जनाधार खोती गई। कई राज्यों में पार्टी की करारी हार हुई। इसके बाद कांग्रेसी नेताओं के लिए साल 2019 का लोकसभा चुनाव एक उम्मीद था, लेकिन इसमें भी पार्टी कुछ खास कमाल नहीं कर पाई। पार्टी के भीतर से ही एक धड़ा कांग्रेस नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल उठाने लगा। पिछले साल अगस्त में कांग्रेस के शीर्ष 23 नेताओं ने अपनी नाराजगी में एक चिट्ठी लिखी। इन सभी नेताओं को G-23 कहा गया।