कांग्रेस की प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि, शलभमणि जी, अपने गिरेबां में झांककर देखिए जरा, देश की संसद में जब आंतकी घुसे थे, तब देश में भाजपा की सरकार थी।

यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद से एक बार फिर किसान आंदोलन बहस का मुद्दा बन गया है। कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन को लगभग एक साल का समय हो गया है। लेकिन सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध अभी खत्म नहीं हुआ है। वहीं एक निजी न्यूज चैनल के डिबेट शो में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने कहा कि, किसान आंदोलन की आड़ में कांग्रेस इस देश में नफरत फैलाना चाहती है।
शलभमणि त्रिपाठी ने कहा कि, ‘कांग्रेस की तरफ से फंडिंग कर खालिस्तान को दोबारा खड़ा करने की तैयारी की जा रही है। कांग्रेस ने हमेशा देश के साथ गद्दारी की। 370 के मसले में राहुल और इमरान खान की भाषा एक जैसी है। किसान आंदोलन की आड़ में कांग्रेस इस देश में नफरत फैलाना चाहती है।’ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस ने फंडिंग के जरिए लाल किले पर हमला करवाया।’
इस बीच एंकर ने कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक से इन आरोपों पर जवाब देने के लिए कहा लेकिन भाजपा प्रवक्ता बिना रुके अपनी बात कहे जा रहे थे। जिसपर रागिनी नायक ने कहा कि, ‘जरा शांत करवा दीजिए इन्हें, इतना बौखला काहे रहे हैं? थोड़ा ठंड़ा पानी पीजिए, बैठ जाइए।’ उन्होंने कहा कि, लाल किला छोड़ दीजिए, देश की संसद पर जब आतंकवादी हमला हुआ था तब देश में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी।
रागिनी नायक ने कहा कि, ‘अपने गिरेबां में झांककर देखिए जरा। देश की संसद में आंतकी घुसे थे, तब भाजपा की सरकार थी।’ जब इसके बाद भी भाजपा प्रवक्ता नहीं रूके तो कांग्रेसी प्रवक्ता ने कहा कि, ‘शलभमणि त्रिपाठी तमीज दिखाइए, संवेदना दिखाइए किसानों के प्रति, मर्यादित तरीके से बहस करें।’
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की सीमा पर लगभग एक साल से किसान संगठनों का आंदोलन चल रहा है। जिसमें उनकी मांग है कि केंद्र द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाय।
इस बीच लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए चार किसानों की मौत ने विपक्ष को एक नया मुद्दा दे दिया है। बता दें कि इन किसानों की मौत का आरोप मोदी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर है। विपक्ष अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग कर रहा है।