टीएमसी नेता जितेंद्र तिवारी हुगली जिले के श्रीरामपुर में एक कार्यक्रम में प्रदेश प्रमुख दिलीप घोष की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए थे

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितेंद्र तिवारी के भाजपा में जाते ही तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दफ्तर की साफ-सफाई की। उनका कहना है कि जितेद्र तिवारी की वजह से दफ्तर अशुद्ध था। अब उसकी सफाई कराई जानी चाहिए। कार्यकर्ताओं ने दफ्तर की सफाई के दौरान उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में वे लोग सड़क पर उनका पुतला भी जलाया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जितेंद्र तिवारी के जाने से पार्टी साफ हो गई है।
इससे पहले मंगलवार को जितेंद्र तिवारी हुगली जिले के श्रीरामपुर में एक कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश प्रमुख दिलीप घोष की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि मैं भाजपा में शामिल हुआ हूं क्योंकि मैं राज्य के विकास के लिए काम करना चाहता हूं। तृणमूल कांग्रेस में रहते हुए काम करना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि मैं एक छोटा नेता हूं और भाजपा एक बड़ी पार्टी है। उन्होंने अपनी पार्टी में हमें जगह दी, यह बड़ी बात है।
जितेंद्र तिवारी अब अशुद्ध करने वाले हो गए ? @AITCofficial @BJP4India #SauBaatKiEkBaat रात 8:57 पर @KishoreAjwani के साथ pic.twitter.com/qmOZXHPaPP
— News18 India (@News18India) March 3, 2021
कहा जाता है कि आसनसोल से बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो सहित कई स्थानीय नेताओं ने जितेंद्र तिवारी के भाजपा में शामिल होने की सूचना पर नाराजगी प्रकट की थी जिसके बाद भाजपा ने शामिल करने से मना कर दिया था।
पश्चिम बर्धमान जिले के पंडावेश्वर से दो बार के पार्टी विधायक एवं आसनसोल के पूर्व महापौर जितेंद्र तिवारी मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए। तिवारी ने तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ पहले भी बगावत की थी लेकिन भाजपा द्वारा पिछले साल दिसंबर में उन्हें पार्टी में शामिल करने से इनकार करने के बाद वह मायूस हो गए थे।
जितेंद्र तिवारी से पहले ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के कई नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी, पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी, वैशाली डालमिया समेत पार्टी के कई नेता बीजेपी का दामन थम चुके हैं। अभी कुछ दिन पहले ही तृणमूल से राज्यसभा सांसद और पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया।