RSS की पत्रिका Panchjanya के एक आलेख में Amazon को East India Company 2.0 बताया गया है। कंपनी के ऊपर भारतीय संस्कृति के खिलाफ काम करने के आरोप भी लगाए गए हैं।

अमेरिकी उद्योगपति जेफ बेजोस (Jeff Bezos) की कंपनी अमेजन (Amazon) एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार अमेजन की चर्चा की वजह बनी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी की मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)। संघ ने एक आलेख में अमेजन को ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) बता दिया है।
संघ के जुड़े वीकली मैगजीन पांचजन्य (Panchjanya) के एक आलेख में आरोप लगाया गया है कि अमेजन ने सरकारी नीतियों को अपने पक्ष में करने के लिए करोड़ों रुपये का रिश्वत दिया है। आलेख में अमेजन को ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0 बताते हुए उसकी कड़ी आलोचना की गई है।
Panchjanya के आलेख में Amazon पर लगे भारतीय संस्कृति के खिलाफ काम करने के आरोप
ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0 शीर्षक के साथ छपे इस आलेख में कहा गया है कि भारत को गुलाम बनाने के लिए ब्रिटेन की कंपनी ने जो काम 18वीं सदी में किए थे, अब अमेजन उन्हें दोहरा रही है। अमेजन भारतीय बाजार में अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहती है। ऐसा करने के लिए अमेजन भारतीय नागरिकों की आर्थिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर कब्जा करने का प्रयास कर रही है।
आलेख में अमेजन के वीडियो मंच ‘प्राइम वीडियो (Prime Video)’ को भी निशाने पर लिया गया है। अमेजन पर आरोप लगाया गया है कि वह अपने मंच पर ऐसी फिल्में और वेब सीरीज रिलीज रही है, जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ हैं।
Amazon India पर लग रहे हैं रिश्वत देने के आरोप
पांचजन्य में यह आलेख ऐसे समय में आया है, जब अमेजन के ऊपर अनुकूल नीतियों के लिए रिश्वत खिलाने के आरोप लग रहे हैं। अमेजन के कुछ कानूनी प्रतिनिधियों ने खुलासा किया था कि कंपनी ने दुनिया भर में अपने अनुकूल नीतियां बनाने के लिए रिश्वत पर खूब खर्च किए हैं। अमेजन इंडिया (Amazon India) पर भी करोड़ों के रिश्वत देने के आरोप इन खुलासों में लगे थे। हालांकि अमेजन ने इन आरोपों को खारिज किया था, जबकि सरकार ने रिश्वत के आरोपों की जांच (Amazon Graft Probe) कराने की बात की थी।
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Infosys, Tata Group पर भी हो चुका है हमला
यह पहली बार नहीं है कि संघ की इस पत्रिका में किसी कंपनी पर हमला बोला गया है। इससे पहले भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) भी संघ की पत्रिका में निशाने पर आ चुकी है। मोदी सरकार के मंत्रिमंडल के अहम सदस्य पीयूष गोयल (Minister Piyush Goyal) ने इसी तरह टाटा समूह की आलोचना की थी। गोयल ने कहा था कि टाटा समूह (Tata Group) की कंपनियों की गतिविधियां राष्ट्रीय हितों के अनुकूल नहीं हैं।