राकेश टिकैत ने सरकार को मांगें पूरी करने के लिए अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि मामले पर कार्रवाई करने के लिए सरकार के पास करीब हफ्ते भर का समय है।

लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की मौत को लेकर जहां एक तरफ किसान संगठनों में आक्रोश है तो वहीं विपक्षी दल भी लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं। मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी लखीमपुर खीरी में डेरा डाला है। इतना ही नहीं, उन्होंने सरकार को मांगें पूरी करने के लिए अल्टीमेटम भी दिया है। राकेश टिकैत का कहना है कि मामले पर कार्रवाई करने के लिए सरकार के पास करीब हफ्ते भर का समय है।
राकेश टिकैत ने मामले को लेकर भाजपा नेताओं पर भी जमकर निशाना साधा। किसान नेता ने लखीमपुर-खीरी से जुड़े मामले के बारे में बात करते हुए कहा, “जिन्होंने भी लोगों को कुचला, न तो वह आदमी हो सकते हैं और न ही वे नेता हो सकते हैं। वो तो खूंखार लोग थे।” मीडिया से बातचीत में किसान नेता ने आरोपियों की गिरफ्तारी पर भी सवाल किया गया।
इसका जवाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “सरकार के पास अभी भी वक्त है और जो भी मंत्री दिल्ली में बैठकर बयान दे रहे हैं, वे अपनी जुबान पर लगाम दें और पहले गिरफ्तारी और इस्तीफा देकर ही बयान दें। सरकारों के पास सात से आठ दिन का वक्त है।” इंटरव्यू के दौरान राकेश टिकैत ने सरकार के सामने पेश की गई अपनी मांगों को भी गिनाया।
राकेश टिकैत ने बयान में कहा, “अगर दिए गए वक्त में भी मांगें नहीं पूरी की गईं तो आगे रणनीति की घोषणा की जाएगी। मांगों में चार प्वॉइंट हैं, मंत्री का इस्तीफा और उसकी गिरफ्तारी। लड़के की भी गिरफ्तारी। मुआवजा, जिसमें घायल भी हैं। घायलों को 10 लाख रुपये और जो दूसरे लोग हैं उन्हें 45-45 लाख रुपये। आरोपियों की गिरफ्तारियां और पीड़ितों को नौकरियां।”
बता दें कि अपनी मांगों को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट भी किया, जिसमें उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे बेहड़ कड़ा फैसला लेंगे। राकेश टिकैत ने ट्वीट में लिखा, “केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ‘टेनी’ व उसके बेटे की तय समय में गिरफ्तारी, रिटायर्ड जज की कमेटी से निष्पक्ष जांच सहित सभी मांगें सरकार किसान शहीदों के भोग से पहले पूरा करें। अन्यथा संयुक्त मोर्चा बेहद कड़ा फैसला लेगा।”