एक समय था जब की फिल्म प्रचार के लिए पोस्टरों का सहारा लिया जाता था।
आरती सक्सेना
फिल्म उद्योग सफलता का एक ऐसा माध्यम है, जिससे हर कोई जुड़ना चाहता है। कहना गलत न होगा कि एक फिल्म की सफलता उससे जुड़े कई सारे लोगों को रोजी-रोटी देती है। यही वजह है कि किसी भी फिल्म को सफल बनाने के लिए उसके प्रदर्शन से पहले पूरा प्रयास किया जाता है। आजकल किसी भी फिल्म की कामयाबी उसके प्रचार पर निर्भर हो गई है। इसके जरिए दर्शक छविगृहों में आने से पहले ही फिल्म से जुड़ जाते हैं। मुहूर्त से लेकर शूटिंग और रिलीज तक प्रचार की अहम भूमिका हो गई है। गीत-संगीत हो या झलक ही क्यों न हो, प्रचार जोर शोर से होता रहता है। अब सवाल है कि अगर किसी फिल्म का भरपूर प्रचार नहीं होगा तो क्या वह नहीं चलेगी? एक निगाह…
फिल्म प्रचारित करने का बदलता तरीका
एक समय था जब की फिल्म प्रचार के लिए पोस्टरों का सहारा लिया जाता था। फिल्म रिलीज से पहले दीवारों पर पोस्टर चिपकाए जाते थे । इसके अलावा दैनिक अखबार और फिल्म पत्रिकाओं में जगह दिलाई जाती थी। तब निर्माता फिल्म प्रचार से ज्यादा फिल्म निर्माण पर ध्यान देते थे। लेकिन अब फिल्म की सफलता के लिए प्रचार का एक अहम हिस्सा माना जाता है। इसके लिए फिल्म बजट में प्रचार का बजट भी अहम हिस्सा होता है। आज निर्माता फिल्म की शुरुआत से ही प्रचार शुरू कर देते हैं।
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इसके लिए वह सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं। हाल ही में जुग जुग जियो की टीम माल से लेकर रोड पर खाते-पीते नाचते-गाते फिल्म का प्रचार करती नजर आई। इसी तरह भूल भुलैया 2 के स्टार लोनावाला के इमेजिका पार्क में अपनी फिल्म का प्रचार करते नजर आए। भूल भुलैया 2 का प्रचार शहर-शहर अलग अलग तरीके से किया गया।
सवाल यह उठता है कि क्या प्रचार फिल्म की सफलता तय करता है? अगर ऐसा है तो वे फिल्में कैसे सफल हुर्इं जिनका बहुत ज्यादा प्रचार नहीं हुआ। जैसे मेजर संदीप, अंधाधुन, बधाई हो, आर्टिकल फिफ्टीन आदि और कई ऐसी फिल्में भी हैं जो बहुत ज्यादा प्रचार के बावजूद औंधे मुंह गिर गईं। इनमें संजय लीला भंसाली की सांवरिया, सलमान खान की भारत, रेस 3 और प्रेम रतन धन पायो, राधे, प्रभास की राधेश्याम, अक्षय कुमार की फिल्म सम्राट पृथ्वीराज चौहान और बच्चन पांडे, रानी मुखर्जी की फिल्म मरदानी 2 और बंटी और बबली 2, रणवीर सिंह की जयेश भाई जोरदार।
इस बारे में फिल्म समीक्षक और संपादक नरेंद्र गुप्ता ने बताया कई बार फिल्मों का बहुत ज्यादा प्रचार नुकसान वाला साबित होता है। दरअसल दर्शक उस फिल्म से कुछ ज्यादा ही अपेक्षाएं रखने लगता है। अगर फिल्म में दम नहीं है तो वह दम तोड़ देती है। वहीं, अगर फिल्म का प्रचार जरा भी ना हो तो फिर कब आई और कब गई, पता ही नहीं चलता। इसलिए मेरे हिसाब से फिल्मों का प्रचार जरूरी है।
अभिनेता धर्मेंद्र के अनुसार हमने तो कभी नहीं सोचा था कि हमें अपनी फिल्मों को चलाने के लिए ऐसे प्रचार का भी सहारा लेना पड़ेगा। चंूकि मैं समय के साथ ढलने वालों में से हूं, इसलिए मैं आज प्रचार के सहारे को सही मानता हूं। जब हम इतनी मेहनत के साथ फिल्म बनाते हैं तो उसे दर्शकों तक पहुंचाना भी जरूरी है।
प्रचार के सहारे हैं आने वाली फिल्में
रणबीर कपूर, आलिया भट्ट और अमिताभ बच्चन अभिनीत ब्रह्मास्त्र और रणबीर कपूर अभिनीत शमशेरा का प्रचार जारी है क्योंकि ब्रह्मास्त्र काफी समय से रिलीज होने की कोशिश में है। इसलिए का प्रचार काफी समय से चल रहा है। अक्षय कुमार की रक्षाबंधन अगस्त में आनी है इसलिए उसका भी प्रचार शुरू हो चुका है। हाल ही में इसकी झलक जारी हुई। आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा का हाल ही में प्रचार शुरू हुआ। इस फिल्म का ट्रेलर आइपीएल के फाइनल के समय दिखाया गया। आमिर खान ने मीडिया के लिए खास ट्रेलर भी रखा।
प्रभास और सैफ अली खान की फिल्म आदि पुरुष का प्रचार भी शुरू हो चुका है। ऋतिक रोशन की विक्रम वेदा का प्रचार भी शुरू हो चुका है। आदित्य राय कपूर अपनी फिल्म ओम का प्रचार ग्रेट खली के साथ कर रहे हैं। हाल ही में आदित्य राय कपूर खली के साथ वर्जिश करते नजर आए। इसके अलावा भी आदित्य राय कपूर कई शहरों में जा रहे हैं। राजकुमार राव की फिल्म हीट और तापसी पन्नू की फिल्म मिशन मिट्ठू का भी प्रचार जोर शोर से शुरू हो चुका है।