
राजनियकों की यात्रा ट्रेन से शुरू हुई. उन्होंने नॉर्थ कोरिया के पुराने और धीमी रेल व्यवस्था में करीब 32 घंटों तक सफर किया. (फोटो: Facebook/Russian Foreign Ministry)
Russian Diplomats Travel: राजनियकों की यात्रा ट्रेन से शुरू हुई. उन्होंने नॉर्थ कोरिया (North Korea) की व्यवस्था में करीब 32 घंटों तक सफर किया. राजनयिकों के इस समूह में दूतावास के तीसरे सचिव व्लादिस्लाव सोरोकिन और उनकी 3 साल की बेटी वारया भी मौजूद थे.
- News18Hindi
- Last Updated: February 27, 2021, 12:40 PM IST
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उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के प्रयास में किम जोंग उन ने हवाई सेवाओं पर रोक लगा दी थी. यह रोक करीब साल भर से जारी है. ऐसे में कुछ रूसी राजनयिक कोरिया में फंस गए थे. तमाम कोशिशों के बाद उन्हें घर वापसी का कोई रास्ता नहीं सूझा, तो उन्होंने हाथ से चलने वाली रेलगाड़ी की मदद से सफर परा किया. इस दौरान उन्होंने लंबे समय तक बस यात्रा भी की.
राजनियकों की यात्रा ट्रेन से शुरू हुई. उन्होंने नॉर्थ कोरिया के पुराने और धीमी रेल व्यवस्था में करीब 32 घंटों तक सफर किया. राजनयिकों के इस समूह में दूतावास के तीसरे सचिव व्लादिस्लाव सोरोकिन और उनकी 3 साल की बेटी वारया भी मौजूद थे. यह जानकारी मंत्रालय ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर दी है. मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी एक तस्वीर भी शेयर की है. जिसमें साफ नजर आ रहा है कि बड़े सामान के बीच तीन बच्चे बैठे हुए हैं. साथ ही इस गाड़ी को तीन लोग पटरियों पर धक्का लगा रहे हैं.
यह भी पढ़ें: जब यह समूह देश के पूर्वी इलाके में स्थित रूसी सीमा खसान पर पहुंचा, तो उनका स्वागत विदेश मंत्रालय के साथियों ने किया. यहां से उन्हें व्लादिवोस्तक के एयरपोर्ट पर ले जाया गया. यह जानकारी मंत्रालय ने दी है. मंत्रालय की तरफ से जारी एक अन्य बयान में कहा गया है कि राजनयिकों के पास रेलकार के जरिए सफर करना ही एकमात्र रास्ता था.
उत्तर कोरिया ने जनवरी 2020 में अपनी सीमाएं बंद कर दी थीं. कोरिया को डर था कि कोविड-19 के मामले देश के स्वास्थ्य प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं और आर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं. शुक्रवार को क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री एस पेस्कोव ने कहा कि यह यात्रा बताती है कि रजनयिकों की सेवा कितनी मुश्किल हो सकती है. यह केवल बाहर से ही सुंदर और शानदार नजर आती है.