कहा, “खाली टनल पर हाथ हिलाते हुए फोटो खिंचवाना, मोर को दाना चुगाना, अपनी माताजी के चरण छूने के लिए 50 फोटोग्राफर को लेकर जाना, इसे इवेंट मैनेजमेंट कहते हैं।”

लखीमपुर में किसानों समेत आठ लोगों की मौत की घटना से आम आदमी के साथ-साथ राजनीतिक दलों के नेतागण भी परेशान हैं। हालांकि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी वे मामले में राजनीति करने से बाज नहीं आए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी घटना के बाद लखीमपुर जाकर पीड़ितों से मिलने की कोशिश कीं तो उन्हें सीतापुर में रोककर हिरासत में ले लिया गया।
आजतक न्यूज चैनल पर टीवी डिबेट में भाजपा प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने इसे इवेंट मैनेजमेंट कहा तो कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने उनको जमकर जवाब दिया। उन्होंने कहा, “खाली टनल पर हाथ हिलाते हुए फोटो खिंचवाना, मोर को दाना चुगाना, अपनी माताजी के चरण छूने के लिए 50 फोटोग्राफर को लेकर जाना, इसे इवेंट मैनेजमेंट कहते हैं। और इसीलिए जब नकली सफाई अभियान में झाड़ू लगा रहे थे मोदी जी तो देश की जनता कह रही थी कि गांधीजी के चश्मे को नहीं, उनके नजरिए को अपनाइए।”
बोलीं, “अब मैं दूसरी बात कह रही हूं कि ये जो आप खालिस्तान, भिंडरावाला बोले रहे हैं, मुझे एक सरदार जी की फोटो दिखी, जिसको भाजपा वालों ने ही भिंडरावाले की टीशर्ट पहना कर टांग दी है। मुझे यह पहले दिन से लग रहा है कि इनका एक ही लक्ष्य है कि किसी तरह ये किसान आंदोलन को बदनाम करें, उनका नाम खराब करें और उनको दागदार करें।”
कहा, “इसकी क्रोनोलॉजी मैं आपको समझाती हूं। शुरू में क्या होता है, मोदी जी कांटे बिछा देते हैं किसानों की राह में, राजमार्ग खुदवा देते हैं कि किसान दिल्ली तक न पहुंच पाएं। उसके बाद सुनियोजित तरीके से खालिस्तानी, पाकिस्तानी, आतंकवादी, चाइनीज, मवाली, खुल्ला और पता नहीं क्या-क्या कहा जाता है। उसके बाद एक एसडीएम आर्डर देता है कि पुलिस वालों की लाठी से सिर फोड़ दीजिए और उसी प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि लट्ठ उठा लो किसानों के खिलाफ। अगर किसानों को मारकर जेल जाओगे तो नेता बनकर बाहर निकलोगे।”
उन्होंने कहा, “और गृहराज्य मंत्री ने कहा कि सुधर जाओ, नही तो मैं दो मिनट में सुधार दूंगा। जानते नहीं हो कि मैं पहले क्या था। 302 का मुकदमा चल रहा है उन पर, ऐसे धमकाया जा रहा है। पूरी क्रोनोलॉजी ऐसे होती है अंत में कि किसानों पर गाड़ी चढ़ाई जाती है और योगी और मोदी अपने ऊपर दही जमाकर बैठे हैं।”