डिबेट में टीएमसी पैनलिस्ट का कहना था कि पीएम सभाओं में अपशब्दों का प्रयोग करते हैं, जबकि भाजपा प्रवक्ता का कहना था कि ममता बनर्जी हिंदू और मुसलमानों को बांटने वाली बातें कर रही हैं।

बंगाल में तीन चरण के चुनाव के बाद राजनीतिक मुद्दों पर बहस जारी है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सभा में सीएम ममता बनर्जी के लिए “दीदी ओ दीदी, दीदी ओ दीदी’ जैसे संबोधन किए। उधर, ममता बनर्जी ने मुसलमानों का आह्वान किया कि वे एक हो जाएं। इसको लेकर राजनीतिक हलके में और चुनावी सभाओं में जबर्दस्त असर दिख रहा है।
टीवी चैनलों पर भी इसको लेकर खूब बहस चल रही है। रिपब्लिक भारत चैनल पर एंकर अर्नब गोस्वामी ने पैनलिस्ट से पूछा कि क्या मुसलमान अपने को भारतीय नही मानते हैं। क्या वे किसी खास पार्टी या दल से ही जुड़े हैं। इसको लेकर कई तरह के जवाब पैनलिस्टों ने दिए। सवाल जवाब के दौरान पैनलिस्टों ने आपस में ही उलझते हुए एक साथ जोर-जोर से चिल्लाने लगे। मुख्य सवाल का जवाब देने के बजाए वे इस बात पर लड़ने लगे कि सांप्रदायिक भाजपा है या टीएमसी। उनका कहना है कि पीएम सभाओं में अपशब्दों का प्रयोग करते हैं, जबकि भाजपा प्रवक्ता का कहना था कि ममता बनर्जी हिंदू और मुसलमानों को बांटने वाली बातें कर रही हैं। ऐसे में उनका विरोध तो होगा ही।
इस पर टीएमसी की प्रवक्ता इफरा जान ने भाजपा का विरोध करते हुए कहा कि यूपी में महिलाओ का जिस तरह अपमान हो रहा है और “लफंदर” जैसी भाषा पीएम बोल रहे हैं, उससे बंगाल का मुसलमान कभी उनको वोट नहीं देगा। कहा कि भाजपा के पास दिखाने के लिए कोई विकास कार्य नहीं है, इसीलिए वह सभाओं में जयश्री राम कहकर वोट मांग रहे हैं।
इस पर अर्नब गोस्वामी ने उनसे कहा, बहुत चिल्ला रही हैं आप। पूछा कि क्या कभी आपने वोट दिया है या सिर्फ जहर फैलाती हैं? आप किस आधार पर वोट देती हैं।
उन्होंने कहा कि मैं व्यक्ति, मुद्दों और कार्य के आधार पर वोट देता हूं। क्या आप बताएंगी कि आप किस आधार पर वोट देती हैं। क्या आप ‘मुसलमानों एक हो जाओ’ के आधार पर वोट देती हैं?