विपक्ष के पैनलिस्ट ने कहा कि राम को राजनीतिक विस्तार का कारण मत बनाए। रावण ने भी सीता मां के हरण का ढोंग किया था। उनका कहना था कि बीजेपी राम के नाम पर ढोंग करती है।

रिपब्लिक टीवी पर टीवी डिबेट में वकील संजीव उनियाल ने कहा कि चुनाव आते ही ममता जी को याद आ गया कि सरस्वती पंडाल भी बनने चाहिए और दुर्गा पंडाल भी बनने चाहिए। वो दिन दूर नहीं है जब जनता उन्हें बंगाल से उखाड़कर फेंक देगी। उनकी सत्ता अब थोड़े दिन की रह गई है।
दरअसल, विपक्ष के पैनलिस्ट ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा था कि राम को राजनीतिक विस्तार का कारण मत बनाए। रावण ने भी सीता मां के हरण का ढोंग किया था। उनका कहना था कि युद्ध लड़ने नहीं जा रहे हो। उनका कहना था कि बीजेपी राम के नाम पर ढोंग करती है। इन लोगों ने अपने राजनीतिक उत्थान के लिए राम के नाम को सहारा बना लिया है। उनका कहना था कि भगवान के नाम का सहारा लेकर बीजेपी लोगों से छल कर रही है।
इस पर उनियाल ने कहा कि ममता के पतन का कारण यह है कि उन्होंने भगवान राम और दुर्गा मां का विरोध किया। उनका कहना था कि टीएमसी को शर्म आनी चाहिए। कुछ दिन पहले तक राम के नाम पर निकलने वाली यात्राओं को भी सरकार अनुमति नहीं देती थी। दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन पर भी बंगाल सरकार रोक लगा रही थी। अब चुनाव में हार से बचने के लिए वो भगवान के शरणागत हो रहे हैं।
उधर, भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जो लोग आज सरस्वती पूजा का ढोंग कर रहे हैं, उन्होंने इससे पहले हिंदुओं के धार्मिक जुलूस रुकवा दिए थे। सांसद ने कहा कि अब बंगाल में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। वोट की खातिर टीएमसी के लोग हिंदुओं के देवी देवताओं का सम्मान कर उनकी पूजा करने लगे हैं। सांसद का कहना था कि लोगों को पता है कि कौन आस्था के नाम पर खिलवाड़ कर रहा है।
गौरतलब है कि बीजेपी राम के नाम पर बंगाल में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसमें तब ट्विस्ट आया जब बीजेपी नेता दिलीप घोष ने एक टीवी प्रोग्राम में कहा कि पता नहीं दुर्गा चुनाव में कहां से आ जाती हैं। राम के बारे में तो सबको पता है, लेकिन क्या दुर्गा के साथ भी ऐसा है। उसके बाद टीएमसी ने उनके बयान को हथियार बनाकर बीजेपी पर हमला बोल दिया था।