किसान नेता बोले कि जो लोग आज सत्ता में बैठे हैं, वे भी रेल रोको आंदोलन करते रहे हैं। यह सरकार का ध्यान आकर्षण का तरीका है। चक्का जाम जैसी बातें हमेशा से विरोध-प्रदर्शन का हिस्सा रही हैं।

किसानों के आंदोलन और दिल्ली की सीमाओं पर धरना-प्रदर्शन के साथ अब रेल रोको अभियान की चेतावनी दी जा रही है। किसान नेताओं का कहना है कि वे सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए रेलों को जाम करेंगे और विरोध-प्रदर्शन के लिए ऐसे तरीके अपनाएंगे। हालांकि इसको लेकर उन पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
टेलीविजन चैनल आजतक के हल्ला बोल कार्यक्रम में एंकर अंजना ओमकश्यप ने भारतीय किसान यूनियन के नेता युद्धवीर सिंह से पूछा कि विरोध-प्रदर्शन आपका संवैधानिक अधिकार है, लेकिन रेल रोको अभियान से आप क्या साबित करना चाहते हैं। उनके सवाल पर किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि रेल रोको अभियान कोई पहली बार नहीं हो रहा है। सभी दलों ने इसको हथियार बनाया है।
‘रेल रोको’ से क्या होगा हासिल? सुनिए क्या बोले BKU के महासचिव युद्धवीर सिंह #हल्ला_बोल #FarmLaws #FarmersProtest | @anjanaomkashyap pic.twitter.com/qe4yKSjj03
— AajTak (@aajtak) February 16, 2021
उन्होंने कहा कि जो लोग आज सत्ता में बैठे हैं, वे भी रेल रोको आंदोलन करते रहे हैं। यह सरकार का ध्यान आकर्षण के लिए एक तरीका है। चक्का जाम करने जैसी बातें हमेशा से विरोध-प्रदर्शन का हिस्सा रही हैं। यह तरीके सभी ने अपनाए हैं। सवाल सिर्फ हमसे ही क्यों पूछे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम जब भी आंदोलन करते हैं, लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं। अहिंसक तरीके से आंदोलन चलाते हैं।
एंकर ने कहा कि लड़ाई सरकार से है और आप परेशानी आम जनता के लिए खड़ी कर रहे हैं। पूछा कि इस दौरान अगर कोई मेडिकल इमर्जेसीं हो, किसी का बच्चा बीमार हो, किसी को कोई जरूरी काम हो और आप ट्रेनों को बंद कर देंगे तो कैसे होगा? युद्धवीर सिंह ने कहा कि आप हमसे उम्मीद करती हैं कि हम साधु बने रहें और बाकी लोग आंदोलन कर सकते हैं।
कहा कि लोकतंत्र में विरोध-प्रदर्शन का अधिकार सबको है। सरकार पर दबाव बनाने, उनका ध्यान अपनी मांगों की ओर लाने के लिए हम विरोध-प्रदर्शन करते रहेंगे। रेल रोको भी उसी का हिस्सा है, जिसे सभी ने कभी न कभी किया है। यह कोई पहली बार नहीं किया जा रहा है।