शबाना आजमी की मां शौकत आज़मी जावेद अख्तर से बेटी के रिश्ते के खिलाफ थीं। जावेद अख्तर का शादीशुदा होना उन्हें रास नहीं आया। लेकिन कैफ़ी आज़मी को अपनी बेटी के रिलेशनशिप से कोई दिक्कत नहीं थी।

Shabana Azmi Birthday: हिंदी सिनेमा जगत की बेहतरीन अभिनेत्री शबाना आजमी आज अपना 71वां जन्मदिन मना रही हैं। हाल ही में उन्हें हॉटस्टार की वेब सीरीज, ‘द अंपायर’ में देखा गया था। मुगल बादशाह बाबर की नानी, ‘ऐसान दौलत बेगम’ के किरदार में दिखीं शबाना आजमी के एक्टिंग की खूब तारीफें हुईं हैं। 1974 की फ़िल्म, ‘अंकुर’ से डेब्यू करने वाली शबाना आजमी ने हिंदी सिनेमा जगत में सशक्त महिलाओं की भूमिका निभाई।
शबाना आजमी ने मशहूर गीतकार, कवि और स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर से शादी की। लेकिन उनकी शादी में काफी अड़चनें आईं। जावेद अख्तर एक्ट्रेस हनी ईरानी के साथ शादी में थे। जब वो 17 साल के तभी हनी पर उनका दिल आ गया और दोनों ने शादी कर ली थी। जावेद अख्तर उन दिनों शायर कैफ़ी आज़मी के घर अपनी शायरी और कविताएं सुनाने जाते थे। वहीं उन्होंने कैफ़ी आज़मी की बेटी शबाना आजमी को देखा। शबाना और जावेद अख्तर के विचार काफी मिलते थे। जावेद अख़्तर शबाना के आर्ट फिल्मों के बड़े प्रशंसक भी हो गए।
इसी दौरान दोनों के बीच प्यार हो गया। जब बात शादी तक पहुंची तब शबाना आजमी की मां शौकत आज़मी इसके खिलाफ हो गईं। जावेद अख्तर का शादीशुदा होना उन्हें रास नहीं आया। लेकिन कैफ़ी आज़मी को अपनी बेटी के रिलेशनशिप से कोई दिक्कत नहीं थी।
इधर जब ये बात जावेद अख्तर की पत्नी तक पहुंची तो वो टूट गईं। लल्लनटॉप की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों के बीच रोज रोज के झगड़े भी शुरू हो गए। घर का माहौल खराब रहने लगा। कुछ समय बाद जब हनी ईरानी की एहसास हो गया कि जावेद अख्तर को उनसे प्यार नहीं तो उन्होंने खुद ही जावेद अख़्तर को शबाना आजमी के पास जाने को कह दिया था।
दोनों की शादी 7 सालों बाद 1984 में टूट गई और जावेद अख्तर ने शबाना से उसी साल शादी कर ली। शबाना से शादी को लेकर जावेद अख्तर ने एक बार कहा था, ‘शबाना और मेरी दोस्ती इतनी गहरी है कि शादी भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकी। शबाना एक बहुत ही भरपूर इंसान हैं। वो असल जिंदगी में भी अपने किरदार बखूबी निभाती हैं भले ही वो पत्नी का हो, बेटी का हो या एक जिम्मेदार नागरिक का।’
शबाना आजमी के फिल्मों की बात करें तो, उन्हें उनकी पहली ही फिल्म, ‘अंकुर’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला था। शबाना ने अर्थ, खंडहर और पार के लिए साल 1983 से लेकर 1985 तक लगातार बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड जीता था। साल 1988 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया।
शबाना की पहली फिल्म के डायरेक्टर श्याम बेनेगल ने उनकी एक्टिंग को लेकर कहा था कि वो किरदारों के अंदर छुपे पहलुओं को उभारकर सामने लातीं हैं। किसी भी किरदार को लेकर वो निर्देशक से घंटों बातें करतीं हैं।