महानिदेशक और नागरिक सुरक्षा आयुक्त अरविंद पांडे ने कहा कि ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत गैर-आरक्षित श्रेणियों के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देकर केंद्र सरकार ने भी उच्च जातियों में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों का समर्थन किया है।

बिहार कैडर के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने उच्च जातियों के बीच “सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों” के कल्याण के लिए एक विशेष मंत्रालय के गठन का आह्वान किया है। महानिदेशक और नागरिक सुरक्षा आयुक्त अरविंद पांडे ने कहा कि ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत गैर-आरक्षित श्रेणियों के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देकर केंद्र सरकार ने भी उच्च जातियों में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों का समर्थन किया है।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी का यह बयान सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (JDU) द्वारा अगड़ी जाति सेल गठित करने के एक दिन बाद आया है। जेडीयू ऐसा करने वाली बिहार की पहली पार्टी है। सत्तारूढ़ दल ने उच्च जाति भूमिहार नेता नीतीश कुमार तांतन को इस सेल का पहला अध्यक्ष बनाया है। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी पांडे ने अपने विचार सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से व्यक्त किए।
पांडे ने लिखा “मैं वही शेयर कर रहा हूं जो मैं बिहार ईबीसी आयोग के एक पूर्व सदस्य के साथ चर्चा कर रहा था। मैं मानता हूं कि जैसे अल्पसंख्यक विकास मंत्रालय, अनुसूचित जाति विकास मंत्रालय, ओबीसी और ईबीसी विकास मंत्रालय है, उसी तरह उच्च जाति समूहों में सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के कल्याण के लिए एक स्वर्ण विकास मंत्रालय स्थापित किया जाना चाहिए।”
यह पूछे जाने पर कि क्या वह एक आईपीएस अधिकारी के रूप में राज्य या केंद्र सरकारों से ऐसी मांग कर रहे हैं, पांडे ने कहा “मैं किसी भी पद से कोई मांग नहीं कर रहा हूं। मैंने वही कहा जो सार्वजनिक डोमेन में पहले से चर्चा में है। बिहार ईबीसी आयोग के पूर्व सदस्य प्रमोद चंद्रवंशी ने कहा “आईपीएस अधिकारी अपने सोशल मीडिया पोस्ट में मेरे बारे में बता रहे थे। मैं अपने क्षेत्र के अनुभव से पाया कि उच्च जातियों में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सरकार के समर्थन की जरूरत है।”
चंद्रवंशी ने कहा “जेडीयू ने अगड़ी जाति सेल का गठन इसलिए किया है क्योंकि पिछले कुछ समय से ऐसा करने के लिए उनपर लगातार दबाव बनाया जा रहा था।”