लखीमपुर हिंसा: अजय मिश्रा टेनी ने एक बार फिर दोहराया है कि घटनास्थल पर उनके बेटे मौजूद नहीं थे। उनका कहना है कि अगर इस बात का कोई उन्हें सबूत दे दे तो वो इस्तीफा दे देंगे।

लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलने के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या और बलवा की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। बीजेपी मंत्री का नाम भी एफआईआर में शामिल है। लेकिन अजय मिश्रा बार-बार इस बात से इनकार करते आए हैं कि घटनास्थल पर उनका बेटा मौजूद नहीं था।
आज तक से बातचीत में टेनी ने एक बार फिर दोहराया है कि घटनास्थल पर उनके बेटे मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘आरोप जो लगा रहे हैं वो वही लोग हैं जिन्होंने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अंजाम दिया। हमारे यहां 40 साल पहले से ये कार्यक्रम होता आया है और उसी कार्यक्रम में शामिल होने मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री आ रहे थे। उनको लेने जो गाड़ियां जा रहीं थीं, पर पथराव हुआ।’
जब उनसे किसानों को कुचलने वाले वायरल वीडियो पर सवाल पूछा गया तो वो बोले, ‘देखिए, वो तो जब टकराव हुआ होगा, या जब उन्होंने बचने की कोशिश की होगी.. मैं वहां तो था नहीं।’ उनके इस बात पर उनसे पूछा गया, ‘तो सामने वाले को कुचल देंगे?’
इस सवाल पर टेनी ने कहा, ‘अरे भाई, मैं कहां कह रहा हूं कि कुचल दें। मैं जब वहां था ही नहीं तो मैं उसके विषय में क्या कह सकता हूं। वहां की क्या परिस्थितियां रहीं? किस तरह से गाड़ी पर हमला हुआ? कौन लोग दौड़ा रहे थे, ये सारी बातें वहां उपस्थित लोग ही बता सकते हैं।’
जब उनसे कहा गया कि उनके बेटे वहीं मौजूद बताए जा रहे थे तब उन्होंने कहा, ‘बिलकुल नहीं थे, इसके सारे सबूत हमारे पास हैं। हमारे बेटे कार्यक्रम स्थल पर थे जो घटनास्थल से तीन से चार किलोमीटर दूर है और वहां पर उनके फोटो, वीडियो जैसी सारी चीजें हैं। प्रशासनिक अधिकारी थे, वहां पुलिस के अधिकारी थे, एक हजार से ज्यादा की भीड़ थी। लोग भी अपने मोबाइल से फोटो ले रहे थे, सारे सबूत हैं। हजारों लोग गवाह हैं।’
एफआईआर को लेकर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा, ‘एफआईआर हुआ तो क्या, जांच चल रही है। पुलिस क्यों पकड़ेगी उन्हें? जब वो थे ही नहीं घटनास्थल पर। आप एक भी वीडियो दिखा दें मेरे पुत्र की उपस्थिति का तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा।’
इधर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमले कर रही है। प्रियंका गांधी पीड़ित किसान परिवारों से मिलने जा रही थीं जिसके बाद उन्हें सीतापुर के गेस्ट हाउस में पुलिस हिरासत में रखा गया है। मंगलवार को कांग्रेस ने लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच को महज कागजी कार्रवाई बताया। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि किसानों को कुचलने के अपराधी आशीष मिश्रा को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया और केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया?