अब आती है फोन का आईएमईआई नंबर जांचने की। इसे मोबाइल के बिल से जरूर मिला लें। वैसे, यह नंबर आपको फोन की सेंटिग्स, फोन के डिब्बे, फोन की बॉडी पर स्टिकर (अगर हुआ तो) और बैट्री पर भी मिल सकता है।

यूज्ड कार्स और यूज्ड बाइक्स के साथ ही बीते कुछ सालों से इस्तेमाल किए हुए (सेकेंड हैंड) स्मार्टफोन्स के बाजार ने खासा रफ्तार पकड़ी है। कम पैसों में बड़े ब्रांड्स और बढ़िया फीचर्स लोगों को लुभाते जरूर हैं, पर इस तरह की डील्स के दौरान उन्हें कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देना चाहिए वरना बाद में पछताना पड़ सकता है। आइए जानते हैं:
यूज्ड फोन लेते वक्त सबसे पहला उसका फिजिकल एग्जामिनेशन करना चाहिए। उसके किनारों (एज) को भी चेक करें, क्योंकि यही वह जगह होती है, जहां डेट्स और स्क्रैच जल्दी लग जाते हैं। फोन चेक करने का सबसे बढ़िया तरीका है कि आप यह देखें कि ऐप्स लोड होने में और बंद होने में अधिक वक्त तो नहीं ले रहे।
फोन की स्क्रीन ऑन और ऑफ कर के देख लें। स्क्रैच भी तभी समझ आ जाएंगे। गाना बजाकर स्पीकर देख लें कि काम कर रहा है या नहीं। साथ ही जिस पोर्ट में चार्जर और यूएसबी लगाई जाती है, उसमें तो कोई खामी नहीं है, यह भी देख लें।
अब आती है फोन का आईएमईआई नंबर जांचने की। इसे मोबाइल के बिल से जरूर मिला लें। वैसे, यह नंबर आपको फोन की सेंटिग्स, फोन के डिब्बे, फोन की बॉडी पर स्टिकर (अगर हुआ तो) और बैट्री पर भी मिल सकता है।
अगर फोन की बैट्री (रीमूवेबल) पर आईएमईआई नंबर दूसरा है, तब साफ हो जाएगा कि बैट्री को बदला गया है। हालांकि, अगर यह आपको वहां नहीं मिलता है, तब आप *#06# डायल कर इसे आसानी से निकाल सकते हैं।
सेकेंड हैंड फोन के बाजार में चोरी के फोन भी घूम मिलते हैं। ऐसे में आपको खरीदते वक्त थोड़ी सावधानी और सजगता से काम लेना है। ऐसा इसलिए, क्योंकि आपको पता नहीं होता कि वह फोन पहले किसके पास था और किस तरह के काम में इस्तेमाल हुआ था?
सेकेंड हैंड फोन तभी खरीदें, जब सामने वाला व्यक्ति उसका असली बिल आपको दे। बिल की कॉपी में आपको खरीदार का नाम और खरीद की डेट पता लग जाएगी। कोशिश करें कि उससे फोन का चार्जर, डिब्बा आदि भी मांगें।