रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए 118 अर्जुन टैंक की खरीद की मंजूरी दे दी है। इन टैंकों के आने से भारतीय सेना और मजबूत हो जाएगी। इस डील पर 7523 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

केंद्र सरकार ने आर्मी को और मजबूत करने के लिए 118 अर्जुन टैंकों का ऑर्डर दे दिया है। इन टैंकों की खरीद में सात हजार पांच सौ तेईस (7523) करोड़ रुपये खर्च होंगे।
रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय सेना के लिए 118 मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन की खरीद के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट को फाइनल किया है। रक्षा मंत्रालय ने इन टैंकों के लिए हेवी व्हीकल फैक्ट्री चेन्नई को ऑर्डर दिया है। एमबीटी एमके-1A, अर्जुन टैंक का एक नया संस्करण है।
इस खरीद पर मंत्रालय की ओर से जानकारी देते हुए कहा गया- “मंत्रालय ने 23 सितंबर को भारतीय सेना के लिए 118 मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन एमके-1A की आपूर्ति के लिए भारी वाहन फैक्टरी, चेन्नई को एक ऑडर दिया है”। बयान में कहा गया है कि 7,523 करोड़ रुपये का यह ऑर्डर रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया की पहल को और बढ़ावा देगा। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।
MoD places supply order for 118 Main Battle Tanks Arjun Mk-1A for Indian Army https://t.co/0PG52sYvnI pic.twitter.com/FOPqckQtvW
— DRDO (@DRDO_India) September 23, 2021
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि यह टैंक दिन और रात दोनों समय में सटीक लक्ष्य लगा सकता है। साथ ही सभी इलाकों में आराम से जा सकता है। इसने कुछ नए टेक्नोलॉजी को भी ऐड किया गया है। यह सटीक और बेहतर मारक क्षमता से लैस है। इसे डीआरडीओ ने डिजाइन और विकसित किया है। यह अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करने वाली एक प्रमुख परियोजना होगी।
इस डील से एमएसएमई सहित 200 से अधिक भारतीय कंपनियों के लिए रक्षा निर्माण में एक बड़ा अवसर खुलेगा और करीब 8,000 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। मंत्रालय के अनुसार इस टैंक का निर्माण जून 2010 में शुरू हुआ था और जून 2012 में टैंक को परीक्षणों के लिए मैदान में उतारा गया था।
एमबीटी अर्जुन एमके -1A को आवश्यकता के अनुसार बदलाव करने में केवल दो साल लगे। अर्जुन एमके-1A को दो साल (2010-12) के भीतर डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के साथ कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (सीवीआरडीई) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।