शम्मी कपूर आशा पारेख को बेटी की तरह मानते थे और आशा पारेख उन्हें चाचा कहकर पुकारतीं थीं। शम्मी कपूर की पत्नी गीता बाली आशा से कहतीं थीं कि हम तुम्हें गोद लेकर अपनी बेटी बना लेंगे।

हिंदी फिल्म जगत की बेहतरीन अभिनेत्री आशा पारेख ने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी। वो जब 16 साल की थीं तभी शम्मी कपूर के साथ उन्हें बतौर हीरोइन पहली फिल्म मिली। आशा पारेख के लिए स्टार शम्मी कपूर के साथ काम करना किसी चुनौती से कम नहीं था लेकिन उन्होंने अपना किरदार बखूबी निभाया।
शम्मी कपूर आशा पारेख को बेटी की तरह मानते थे और आशा पारेख फिल्म के दौरान सेट पर उन्हें चाचा कहकर पुकारतीं थीं। सेट पर शम्मी कपूर की पत्नी गीता बाली आतीं थीं। वो प्यारी सी आशा को देखकर अक्सर कहतीं थीं कि हम तुम्हें गोद लेकर अपनी बेटी बना लेंगे।
इस दिलचस्प वाकए का जिक्र आशा पारेख ने अनु कपूर को दिए एक इंटरव्यू में किया था। उन्होंने बताया था, ‘शम्मी कपूर के साथ काम करने का मजा इसलिए आता था क्योंकि वो बहुत समझाते थे कि ऐसे करो, वैसे करो। मुझे लिपसिंक में गाना बिलकुल आता नहीं था। उन्होंने ही मुझे सिखाया कि गाना कैसे गाते हैं।’
उन्होंने आगे कहा था, ‘मैं शम्मी जी को चाचा कहकर बुलाती थी। उनकी पत्नी गीता जी मुझे गोद लेना चाहतीं थीं। हम शूटिंग कर रहे थे ‘दिल देके देखो’ की..उस वक्त गीता जी मुझे अपने कंधे पर उठाकर घुमातीं थीं और कहतीं थीं इसको हम गोद ले लेते हैं।’
आशा पारेख के लिए एक्ट्रेस बनना आसान नहीं था। उन्हें फिल्म ‘शहनाई’ में दो दिन की शूटिंग करने के बाद निकाल दिया गया था। उनसे कहा गया था कि आप स्टार मैटेरियल नहीं हैं, स्टार नहीं बन सकती। इसके कुछ समय बाद ही उन्हें शम्मी कपूर के साथ फिल्म ‘दिल देके देखो’ मिल गई थी। इस फिल्म के आशा पारेख के काम को काफी पसंद किया गया था।
आशा पारेख जिन दिनों स्टार थीं उन्हीं दिनों दिलीप कुमार भी अपने करियर की ऊंचाइयों पर थे लेकिन दोनों ने कभी साथ काम नहीं किया। दिलीप कुमार के साथ काम न करने को लेकर एक बार आशा पारेख ने कहा था, ‘मैं जिसे पसंद नहीं करती उसके साथ काम भी नहीं कर सकती।’
जब राजेश खन्ना इंडस्ट्री में नए आए, आशा पारेख को उनके साथ एक फिल्म ऑफर की गई। लेकिन आशा पारेख को राजेश खन्ना की शक्ल पसंद नहीं आई और उन्होंने फिल्म करने से इनकार कर दिया। आशा पारेख का कहना था कि राजेश खन्ना गोरखा जैसे लगते हैं।