किसान संगठनों ने बीजेपी-जेजेपी के विधायकों सांसदों तक पहुंचने के लिए पुलिस के बेरीकेड्स भी कई जगहों पर तोड़ दिए। करनाल में किसानों ने सीएम मनोहर लाल खट्टर के सरकारी आवास पर धावा बोला तो पुलिस ने उन्हें तितर बितर करने के लिए पानी का इस्तेमाल किया।

धान की फसल में खरीद के मुद्दे पर शनिवार को किसानों के सब्र का पैमाना छलक गया। किसान संगठनों ने बीजेपी-जेजेपी के विधायकों सांसदों तक पहुंचने के लिए पुलिस के बेरीकेड्स भी कई जगहों पर तोड़ दिए। करनाल में किसानों ने सीएम मनोहर लाल खट्टर के सरकारी आवास पर धावा बोला तो पुलिस ने उन्हें तितर बितर करने के लिए पानी का इस्तेमाल किया। किसानों का कहना था को वो यहां से हटेंगे नहीं। उधऱ, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि किसानों को संयम रखना चाहिए। गांधी के देश में हिंसा की जगह नहीं है।
केंद्र सरकार ने हरियाणा और पंजाब को 11 अक्तूबर से एमएसपी पर धान की खरीद करने का निर्देश जारी किया है। गुरुवार शाम को आए इस आदेश के बाद से किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है। बेमौसमी बारिश और नमी का हवाला देते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है। इस फैसले पर किसानों ने कहा कि प्रदेश सरकार खेती को बर्बाद करने में लगी हुई है। 11 अक्टूबर तक किसान अपनी धान की फसल को लेकर कहां रखेंगे।
किसान नेताओं का कहना है कि किसानों के घर पर अनाज रखने की पर्याप्त जगह नहीं है। अधिकतर किसान खेत से धान काट कर सीधा मंडी में बिक्री के लिए जाता है। लेकिन सरकार के द्वारा दस दिन देरी से खरीद शुरू करने के निर्णय से किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएंगे। भाकियू ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि दो अक्टूबर को किसान अपनी धान की ट्रालियों के साथ जेजेपी व भाजपा विधायकों के घरों का घेराव कर पक्का मोर्चा डालेंगे। सभी विधायकों को ज्ञापन दिए जाएंगे। पुलिस ने भी एहतियात बरतते हुए विधायकों, सांसदों के घरों के सामने जवानों का भारी बंदोबस्त कर दिया था।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से जारी पत्र में साफ लिखा है कि बारिश के कारण अभी तक धान की फसल पूरी तरह नहीं पकी है, साथ ही इससे फसल में नमी है। इसी के चलते अब 11 अक्टूबर से धान की एमएसपी पर खरीद शुरू होगी। हालांकि. हरियाणा सरकार एक अक्टूबर से धान की सरकारी खरीद की घोषणा कर चुकी थी। बाकायदा इसके लिए सभी मंडियों में तैयारियां भी की गई हैं। लेकिन केंद्र के निर्णय के बाद धान खरीद को 11 तक स्थगित कर दिया गया था।
पंजाब व हरियाणा में किसान आंदोलन का ज्यादा जोर है लिहाजा पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पीएम मोदी से एक अक्तूबर से पंजाब में धान खरीद शुरु करने की अनुमति मांगी थी। वह शुक्रवार को पीएम मोदी से पहली बार मिले थे। लेकिन जब केंद्र ने अपने फैसले को वापस लेने से मना कर दिया तो शनिवार सुबह से किसानों ने तीखा विरोध शुरू कर दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन का अधिकार है पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।