शाह का कहना है कि कोविड-19 टीकाकरण खत्म होने के बाद सीएए के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष सीएए पर अल्पसंख्यकों को गुमराह कर रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि CAA का सरकार से कोई लेना देना नहीं है। ये देश का कानून है और पूरे देश में लागू होगा। उनका कहना है कि कोविड-19 टीकाकरण खत्म होने के बाद सीएए के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष सीएए पर अल्पसंख्यकों को गुमराह कर रहा है। भारतीय अल्पसंख्यकों की नागरिकता पर इससे असर नहीं पड़ेगा।
ध्यान रहे कि अमित शाह दो दिन कते बंगाल दौरे पर हैं। गुरुवार को उन्होंने 24 परगना के नारायणपुर गांव में एक बांग्लादेशी शरणार्थी के घर जाकर भोजन किया था। तभी राजनीतिक गलियारों में यह बात गूंजने लगी कि शाह सीएए को फिर से जिंदा खातिर ऐसा कर रहे हैं। शाह ने कल कहा था कि 24 परगना शरणार्थी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां पर 70 वर्ष पहले लोग आए थे। उनकी दो से तीन पीढ़ी बीत गईं लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं मिली। हमनें उन्हें आश्वस्त किया है कि बंगाल में सरकार बनते हुए ही सीएए कानून को लागू करेंगे।
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि क्यों इतने सारे लोग तृणमूल कांग्रेस छोड़ रहे हैं। इसके पीछे ममता का कुशासन, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद है। शाह का कहना था कि दीदी यह तो सिर्फ आगाज है। चुनाव आने तक आप अलग-थलग पड़ जाएंगी।
शाह ने क्षेत्रवाद की संकीर्ण राजनीति करने वालों की आलोचना की। शाह ने कहा, जो लोग बंगाल में संकीर्ण राजनीति कर रहे हैं, वह उन्हें बताना चाहते हैं कि खुदीराम बोस पर जितना गर्व बंगाल को है उतना ही पूरे देश को है। भाजपा नेता ने कहा कि जो लोग क्षेत्रवाद की राजनीति कर रहे हैं उन्हें इससे बाज आना चाहिए। उनका कहना था कि राजनीतिक करनी है तो विकास पर करिए।
CAA का सरकार से कोई लेना देना नहीं है, ये देश का कानून है और पूरे देश में लागू होगा।
– श्री @AmitShah pic.twitter.com/mdb45aAcJ5
— BJP (@BJP4India) February 19, 2021
गौरतलब है कि अमित शाह के बंगाल दौरे से पहले मुर्शिदाबाद में हिंसा हो गई। मुर्शिदाबाद में ममता सरकार में मंत्री जाकिर हुसैन पर बम से हमला किया गया। इस हमले में जाकिर हुसैन घायल हो गए। वहीं दूसरी ओर राजधानी कोलकाता में टीएमसी से बीजेपी में गए शुभेंदु अधिकारी की कार पर भी हमला हुआ। खास बात है कि बीजेपी और टीएमसी दोनों एक दूसरे को राजनीतिक हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।