Turkey Syria Earthquake: कौन हैं रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स, जिन्होंने 3 फरवरी को ही दी थी भूकंप की चेतावनी

अंकारा. तुर्की और सीरिया में सोमवार को 24 घंटे के भीतर आए तीन शक्तिशाली भूकंप के झटकों ने हजारों जिंदगियों को लील लिया है. भूकंप के कारण 3800 से अधिक लोग मारे गए – तुर्की में 1,500 से अधिक और सीरिया में कम से कम 810, हजारों अन्य घायल हुए. दोनों देशों में व्यापक क्षति हुई है, जिसमें ईंधन पाइपलाइनों और तेल रिफाइनरियों में आग लगाना भी शामिल है. जैसे ही बचाव दल ठंडे मौसम में ढही इमारतों के मलबे के नीचे से फंसे लोगों को निकालने और प्रभावितों के लिए आश्रय की व्यवस्था करने में जुटे, एक और बड़ा भूकंप, जिसकी तीव्रता 7.5 थी, ने उसी क्षेत्र को हिला दिया। इसके बाद दर्जनों झटके महसूस किए गए.

इस बीच, एक रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स (Frank Hoogerbeets) का एक ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने इस शक्तिशाली भूकंप की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी. उन्होंने बीते 3 फरवरी को एक ट्वीट में लिखा था, ‘देर-सबेर दक्षिण-मध्य तुर्की, जॉर्डन, सीरिया और लेबनान में 7.5 तीव्रता का भूकंप आएगा.’ और उनका ये कथन 6 फरवरी को उस वक्त सही साबित हो गया, जब एक के बाद एक भूकंप के झटकों ने तुर्की और सीरिया में तबाही मचाई.

प्रभावित क्षेत्रों की तस्वीरें दिल दहला देने वाली थीं, जिनमें कुछ प्राचीन सांस्कृतिक स्थलों सहित सार्वजनिक और निजी संपत्ति का व्यापक विनाश दिखाया गया है. वे लोग भाग्यशाली थे, जो तुरंत खुले स्थान पर भाग गए, कुछ लोग अपने परिजन को खोने पर रोते हुए देखे गए, जो अभी भी ढह गई इमारतों के मलबे के नीचे फंसे हुए हैं. अन्य लोग उन्हें सांत्वना और आश्वासन देने की कोशिश कर रहे थे.

भूकंप का केंद्र तुर्किये का दक्षिण पूर्वी प्रांत कहरमनमारस था और झटके दूर काहिरा तक महसूस किए गए. दमिश्क में भी लोगों को भूकंप की वजह से सड़कों पर आना पड़ा और बेरूत में जब झटके महसूस हुए, तब लोग सो रहे थे.

भूकंप सीरिया के उस क्षेत्र में आया, जहां एक दशक से अधिक समय से गृह युद्ध जारी है और प्रभावित इलाका सरकार और विद्रोहियों में बंटा हुआ तथा उनके चारों ओर रूस समर्थित सरकारी सेनाएं तैनात हैं. वहीं, तुर्किये वाले इलाके में संघर्ष की वजह से लाखों शरणार्थी बसे हुए हैं. विरोधियों के कब्जे वाले सीरियाई इलाके में लड़ाई की वजह से विस्थापित 40 लाख लोग रह रहे हैं. इनमें से कई उन इमारतों में रह रहे थे, जो पहले से ही बमबारी की वजह से क्षतिग्रस्त थे.

अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था. प्रांतों में इसके झटके महसूस किए गए. सर्वेक्षण के मुताबिक, कुछ घंटे के बाद 7.5 तीव्रता का एक और भूकंप महसूस किया गया, जिसका केंद्र पूर्व के केंद्र से महज 100 किलोमीटर दूर था.

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